नागपुरः- दुर्घटना में पति की मृत्यु के पश्चात शिल्पा टोनपे ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166 के तहत मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के समक्ष वर्ष 2014 में दावा दायर किया। मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने 20 जुलाई 2022 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को 31,10,281 रुपए का मुआवजा प्रदान किया। सुनवाई के दौरान दावा किया गया कि बीमा कंपनी ने ब्याज सहित 49,16,196 रुपए की मुआवजा राशि जमा करा दी है। कोर्ट को बताया गया कि मोटर दुर्घटना बीमा दावे की राशि में हेराफेरी करने वाले जिला न्यायालय के कर्मचारियों के विरुद्ध अपराध दर्ज किए जाने की जानकारी है। उक्त कर्मचारियों के विरुद्ध दर्ज किए गए अपराधों में गबन की कुल राशि लगभग 42 करोड़ है। इसी में से एक यह मामला भी है जिसमें कर्मचारी ने धोखाधड़ी की और 37,15,196 रुपए की राशि स्वयं या उसके मित्रों और रिश्तेदारों द्वारा संचालित विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर निकाल ली। रजिस्ट्री की मौखिक जानकारी में खुलासाः याचिकाकर्ता ने दावा किया गया है कि उसे न केवल अपनी आश्रित बेटी की देखभाल और भरण-पोषण करना है बल्कि उसे उचित शिक्षा और पालन-पोषण प्रदान करना भी आवश्यक है। यह दावा किया गया कि उसे अपने चिकित्सा उपचार के लिए राशि की आवश्यकता है। उसके अनुसार, प्रतिवादी जिला न्यायालय कर्मचारियों द्वारा राशि का दुरुपयोग किए जाने से राशि जारी करने में असमर्थ है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश में कहा कि कोर्ट ने 17 जनवरी 2024 को ही मामले की सुनवाई स्थगित कर दी थी, ताकि अतिरिक्त सरकारी वकील इस मामले में निर्देश प्राप्त कर सकें। कोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी पर जिला न्यायालय की रजिस्ट्री द्वारा मौखिक रूप से बताया गया कि अब तक लगभग एक वर्ष से 400 से अधिक आवेदन मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के समक्ष विचाराधीन हैं जिनमें बीमा कंपनियों या वाहन मालिकों द्वारा जमा की गई राशि की वापसी की मांग की गई है।









