–पुलिस कमिश्नर रवीन्द्र सिंगल की कार्रवाई
नागपुर :- शहर में मेफेड्रान ड्रग्स विक्रेता से पैसों की बरामदगी ऐसा करना एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर (SI) को महंगा पड़ गया है. आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर वसूली की शिकायत मिलते ही कमिश्नर रवींद्र सिंगल ने एएसआई को सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए हैं. निलंबित कर्मचारी का नाम सिद्धार्थ पाटिल बताया जा रहा है. पुलिस कमिश्नर की कार्रवाई के बाद पूरे पुलिस बल में हड़कंप मच गया. एएसआई सिद्धार्थ क्राइम ब्रांच की एंटी-नारकोटिक्स सेल में तैनात थे। वह फिलहाल पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं.
जानकारी के मुताबिक, 20 अगस्त को गोपनीय जानकारी के आधार पर एंटी नारकोटिक्स सेल ने कपिल गंगाधर खोबरागड़े, राकेश अनंतराव गिरी और अक्षय बंडू वंजारी को 90 लाख रुपये के एमडी के साथ गिरफ्तार किया था. इस मामले में ताजनगर टेकनाका निवासी मकसूद अमीनुद्दीन मलिक, सारंगपुर एमपी निवासी सोहेल, हिवरीनगर निवासी गोलू बोरकर, हिंगना के राहिव और अल्लारखा फरार थे।
जांच में पता चला है कि अक्षय वंजारी और गोलू बोरकर के बीच कई एमडी लेनदेन हुए थे। जब पुलिस गोलू को पकड़ने लगी तो सिद्धार्थ पाटिल ने गोलू से संपर्क किया. गिरफ्तार न करने के एवज में एक लाख रुपये की मांग की गई और बाद में मामला 70 हजार रुपये में तय हुआ.
इसके बाद गोलू की मां ने सीपी रवींद्र सिंगल से रंगदारी की शिकायत की. सीपी ने मामले की जांच के आदेश दिये थे. जांच के दौरान इस बात की पुष्टि हुई कि गोलू और सिद्धार्थ के बीच पैसों का लेनदेन हुआ था, जिसके बाद सिद्धार्थ को पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया. पुलिस कमिश्नर सिंघल ने इस मामले में पुलिस सब-इंस्पेक्टर सिद्धार्थ पाटिल को निलंबित कर दिया है और विभागीय जांच के आदेश दिए हैं.
